भोपाल : मध्य प्रदेश की टेक्निकल एजुकेशन में कुछ बड़े परिवर्तन किए गए हैं। इनमें कोर्सेस के चलाने के साथ ही सीटों की संख्या दोगुनी करने की व्यवस्था लागू होगी। तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से इस बारे में मंजूरी भी दे दी गई है। साथ ही कौशल विकास से जुड़े कोर्सेट शुरू करने पर भी फोकस किया जाएगा ताकि प्रदेश के टेक्निकल कोर्सेस से पास हुए स्टूडेन्ट्स को आसानी से रोजगार मिल सके। यही नहीं ऐसी व्यवस्था भी लाई जा रही है जिसके बाद आईटीआई के छात्र भी पॉलीटेक्निक में दाखिला ले सकेंगे।
प्रदेश के सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेजों में कम से कम चार पाठ्यक्रम संचालित करना अनिवार्य कर दिया गया है। नए शैक्षणिक सत्र से तकनीकी शिक्षा विभाग यह व्यवस्था लागू करेगा, जिसके तहत सरकारी स्वशासी और अनुदान प्राप्त इंजीनियरिंग व पॉलीटेक्निक में प्रवेश क्षमता दोगुनी की जाएगी। हालांकि इसके साथ ही ये नियम भी है कि यह सीटें उसी स्थिति में भरेंगी, जब पॉलीटेक्निक में छात्र के पास दाखिला लेने के विकल्प हों इसलिए चार पाठ्यक्रमों का संचालन अनिवार्य किया जा रहा है।
विभाग ने इसके लिए संस्थावार स्वीकृति भी जारी कर दी है अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के नियम के तहत संचालित पाठ्यक्रमों का एक्रिडिटेशन जरूरी हो जाएगा। विभाग के अफसरों ने बताया कि ऐसे पाठ्यक्रम शुरू करेंगे जो कौशल विकास से जुड़े हों और जिन्हें करने के बाद छात्रों को आसानी से रोजगार मिले पॉलीटेक्निक में अगर छात्रों के समक्ष ज्यादा विकल्प मौजूद होंगे तो वे निश्चित रूप से दाखिला लेंगे आईटीआई के छात्र भी पॉलीटेक्निक में दाखिला ले सकेंगे।
तकनीकी शिक्षा विभाग की कोशिश है कि टेक्निकल स्टडीज् के स्टूडेन्ट्स के लिए पढ़ाई को ज्यादा प्रैक्टिकल बनाया जाए। इससे स्टूडेन्ट्स को अपने कोर्सेस की बारीकियां जानने का मौका मिलेगा साथ ही उनके लिए बेहतर रोजगार और कौशल विकास का रास्ता भी खुल जाएगा।
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