मोम के ‘अंगूठे’ ( बायोमैट्रिक थम्ब इंप्रेशन) से फर्जी हाजिरी लगा शासन को लगाई लाखों रुपए की चपत,

ग्वालियर :  मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना ( Mukhya Mantri Kaushal Samvardhan Yojna) के तहत बेरोजगार युवकों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण देने के लिए फालका बाजार में संचालित सेंटर पर मंगलवार की दोपहर को प्रशिक्षणार्थियों के हंगामा करने से बड़ा घोटाला पुलिस की पकड़ में आया है। हंगामे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस को सेंटर से 40 से अधिक स्कूल-कॉलेजों की सीलें और इतनी संख्या में मोम के थम्ब इंप्रेशन मिले हैं, इनके मिलने के बाद पुलिस पड़ताल में जुट गई है। शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि इंस्ट्रीट्यूट के संचालक प्रमोद यादव उसका भाई विवेक यादव फर्जी प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थित दर्शाकर शासन को लाखों रुपए की चपत लगा रहे थे।

एक बेरोजगार युवक को प्रशिक्षण देने के एवज में सरकार 10 से 14 हजार रुपए देती है। लेकिन उपस्थिति के लिए छात्र की बायोमैट्रिक हाजिरी जरूरी है। पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन देररात तक एफआईआर नहीं कर पाई थी। इंस्ट्टीयूट का ऑफिस लक्ष्मीबाई कॉलोनी में है।

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इंदरगंज थाना टीआई मनीष डाबर ने बताया कि मंगलवार की दोपहर 12 बजे के लगभग सूचना मिली थी कि फालका बाजार में कम्प्यूटर सेंटर पर छात्रों ने हंगामा कर दिया है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई, हंगामे के कारण बाजार में जाम लग गया था। हंगामा महलगांव निवासी हर्षवर्द्धन राजावत ने कम्प्यूटर ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने पर किया था। प्रशिक्षणार्थियों ने शिकायत कर बताया कि मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

पड़ताल में मिले कॉलेजों की सील व मोम के फर्जी थम्ब इंप्रेशन 

टीआई ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों की शिकायत पर ट्रेनिंग सेंटर के संचालक दिव्यांग प्रमोद पुत्र गजेंद्र सिंह यादव उसके भाई विकास यादव को हिरासत में लेकर ट्रेनिंग सेंटर की तलाशी ली गई। तलाशी में 40 से अधिक कॉलेजों की फर्जी सील व थम्ब इंप्रेशन मिले। दोनों भाइयों के साथ पुलिस एक और युवक को पकड़कर थाने ले आई।

बायोमैट्रिक हाजिरी लगाकर शासन से वसूलते हैं पैसा

हंगामा करने वाले युवक हर्षवर्द्धन राजावत निवासी महलगांव ने बताया कि उसने स्नातक की डिग्री हासिल कर ली है, लेकिन नौकरी नहीं लगी है। मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना के तहत उसने तीन महीने पहले कम्प्यूटर का प्रशिक्षण लेने के लिए ट्रेनिंग सेंटर ज्वॉइन किया था। सेंटर का ऑफिस लक्ष्मीबाई कॉलोनी में है और प्रशिक्षण फालका बाजार स्थित हनुमान मंदिर के पास दिया जाता है। लेकिन अब तक ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट नहीं दिया। हर्षवर्द्धन ने बताया कि कम्प्टूयर का प्रशिक्षण देने के एवज में शासन से 10 से 14 हजार रुपए के लगभग की राशि का भुगतान किया जाता है। इस योजना में प्रशिक्षणार्थियों की बायोमैट्रिक हाजिरी जरूरी है। इसलिए ट्रेनिंग सेंटर चलाने वाला प्रमोद यादव व उसका भाई शासन से पैसा वसूलने के लिए फर्जीवाड़ा कर रहे थे।

क्या उपयोग करते थे थम्ब इंप्रेशन व सील सिक्कों का

टीआई ने बताया कि फर्जी सील-सिक्के व मोम के थम इंप्रेशन ट्रेनिंग सेंटर से जब्त किए गए हैं। इनका सेंटर के संचालक प्रमोद यादव व उसका भाई क्यों उपयोग करते थे, इस संबंध में पूछताछ की जा रही है। पकड़े गए दोनों भाइयों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा रहा है।