कौशल विकास की युवा स्वाभिमान योजना मेंं हो सकते हैं बड़े बदलाव

मध्य प्रदेश : युवा स्वाभिमान योजना मेंं बड़े बदलाव के संकेत मिले है। योजना में बदलाव के तहत युवा अब एक बार में एक ही काम करेंगे और उनको दो महीने ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही उनसे दो महीने निकाय में काम करवाया जाएगा। वर्तमान में इस योजना के तहत एक दिन में चार घंटे की स्किल ट्रेनिंग और चार घंटे निकाय में काम करवाया जा रहा है। योजना के तहत युवाओं को चार हजार रुपए महीना स्टाइपेंड देने का भी प्रावधान है। पता चला है कि योजना के सही क्रियान्वयन के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस योजना के तहत मिलने वाली स्किल ट्रेनिंग से पहले युवाओं की काउंसलिंग भी की जा सकती है। काउंसलिंग में युवाओं को बताया जाएगा कि जिस ट्रेड को उन्होंने ट्रेनिंग के लिए चुना है, उसमें उनके पास भविष्य में रोजगार के क्या विकल्प होंगे।गौरतलब है कि इस योजना का क्रियान्वयन संभागीय मुख्यालय में नगरपालिका प्रशासन द्वारा किया जा रहा है, मगर इसका कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया और न ही इसकी जानकारी किसी के पास उपलब्ध है।

स्किल सेंटर आने-जाने की मिलेगी सुविधा

बताया गया है कि अब योजना में स्किल ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को सेंटर तक आने-जाने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी, क्योंकि योजना की शुरुआत से ही यह शिकायत आ रही थी कि युवाओं को ट्रेनिंग लेने दूर जाना पड़ रहा है। इस समस्या को खत्म करने के लिए आवागमन के साधन उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है।

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मेला के माध्यम से मिलेगा लोन

बताया गया है कि युवाओं को ट्रेनिंग देने के बाद नगरीय विकास एवं आवास और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा लोन मेला भी लगाया जाएगा। ताकि लोन लेकर युवा अपना स्वरोजगार शुरू कर सके। मेला में लोन देने वाले बैंक व कम्पनियों को बुलाया जाएगा और लोन की औपचारिकता पूर्ण होने के बाद युवाओं का लोन पास किया जाएगा।

कई युवाओं को नहीं मिला स्टाइपेंड

ट्रेनिंग लेने वाले कुछ युवाओं ने बताया है कि उन्हे अभी तक स्टाइपेंड नहीं मिल पाया है। जबकि कुछ युवाओं का कहना था कि उन्हे दो महीने का स्टाइपेंड मिल गया है। स्टाइपेंड नहीं मिलने से कई युवाओं की ट्रेनिंग सेंटर में उपस्थिति कम रहती है। जानकारों के मुताबिक कई लोगों ने इसे सिर्फ बेरोजगारी भत्ता समझकर रजिस्ट्रेशन करवा लिया था, इस वजह से युवाओं में योजना को लेकर भ्रम पैदा हुआ।

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