मुंबई : मुंबई में राज्य सरकार स्किल डिवेलपमेंट के जरिए भिखारियों का जीवन सुधारने की तैयारी कर रही है। इसके जरिए भिखारियों को रोजगार देने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें उनकी क्षमता के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
चैरिटी कमिशन से जुड़े अधिकारी शिवकुमार दिघे ने बताया, ‘इससे न केवल भिखारियों को इज्जत से दो पैसे कमाने का मौका मिलेगा बल्कि भिखारियों के नाम पर चलने वाले रैकेट पर भी रोक लगेगी। भिखारियों के जीवन में सुधार लाने के लिए यह पहल की जा रही है।’
मार्च से हो सकती है शुरुआत
भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत मुंबई से की जाएगी। इस योजना के मद्देनजर लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि मार्च से इस योजना की शुरुआत हो जाएगी। भिखारियों को नौकरी के काबिल बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से उन्हें तैयार किया जाएगा। अधिकारी के मुताबिक, राज्य में तकरीबन 50 हजार, जबकि मुंबई में 20 हजार के आस-पास भिखारी हैं।
जानिए, क्या है मिशन
यही नहीं, अधिकारी ने कहा, ‘कई बार मजबूरी तो कई बार परिवार के दबाव की वजह से लोगों को दूसरों के सामने हाथ फैलाने पड़ते हैं। इसके बाद, ये लोग इस दलदल से बाहर नहीं निकल पाते। ऐसे में हमने पहले उनकी काउंसलिंग करने का फैसला किया है। 18 साल की उम्र से कम के भिखारियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए हम प्रयास करेंगे और इसके ऊपर की उम्र वाले लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में काम किया जाएगा।’
इन कामों की दी जाएगी ट्रेनिंग
ज्यादा से ज्यादा भिखारियों को रोजगार देने के लिए महिला बाल विकास मंत्रालय, पुलिस, एनजीओ आदि के साथ मिलकर काम किया जाएगा। शुरुआती स्तर में भिखारियों की पहचान कर उन्हें चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद, उनकी जरूरत के अनुसार काउंसिलिंग कर नौकरी या पढ़ने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। सुरक्षाकर्मी, गार्डनर, सिलाई-कढ़ाई जैसे कई तरह के कामों के लिए उन्हें तैयार किया जाएगा। बता दें कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने बेघरों को नौकरी और पेशेवर बनाने के लिए स्किल डिवेलपमेंट के तहत प्रशिक्षण देने की बात कही थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी से प्रभावित होकर महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला लिया है।
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