आईटीआई में राज मिस्त्री बनाने शुरू होगी नई ट्रेड, प्रशिक्षणार्थी करेंगे शौचालय का निर्माण

मध्य प्रदेश : आईटीआई में राज मिस्त्री तैयार करने के लिए नई ट्रेड शुरू करेंगे। प्रशिक्षण लेने वाले राज मिस्त्रियों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। इसके लिए रूपरेखा तैयार कर सभी जिलों में भेज दी है। पहले चरण में हर ग्राम पंचायत से 3 राज मिस्त्रियों का 6 दिन का प्रशिक्षण होगा। जिसमें सामान्य निर्माण कारीगरी एवं शौचालय निर्माण शामिल रहेगा। इसे कासकेड मॉडल में किया जाएगा, जिसमें स्थल पर सामूहिक रूप से वास्तविक निर्माण भी सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण बैच 35 से 40 प्रशिक्षणार्थियों का रहेगा। दूसरे चरण का प्रशिक्षण 45 दिन का रहेगा, इसका पाठ्यक्रम काउंसिल फॉर स्किल डवलपमेंट ऑफ इंडिया के निर्धारित क्वालिफिकेशन पैक अनुसार होगा। इसमें बार बेडिंग, दरवाजे-खिड़की लगाना, प्लबिंग तथा विद्युतीकरण का सामान्य कार्य भी शामिल रहेगा। दूसरे चरण के प्रशिक्षण में वही राजमिस्त्री शामिल होंगे जो पहले चरण के प्रशिक्षण में सफल होंगे। इसे पूरा करने पर नेशनल स्किल डवलपमेंट मिशन द्वारा निर्धारित प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

प्रशिक्षण परिणाम 2018 तक 50 हजार प्रमाणीकरण राज मिस्त्रियों का प्रशिक्षण पूरना करना है। राज्य में 2 से 3 आईटीआई संस्थाओं में राजमिस्त्री प्रशिक्षण के स्थायी ट्रेड विकसित करने एवं उनके नई मांगों के अनुरूप निरंतर परिवर्तन-परिवर्धन के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग को जरूरी सहयोग दिया जा सकेगा।

रिसोर्स पर्सन व विकासखंडों में होंगे मास्टर ट्रेनर

राज्य स्तर पर एक टीम गठित होगी। हर जिले से एक नोडल व्यक्ति को राज्य स्तरीय रिसोर्स पर्सन के रूप में चुना जाएगा। जिला स्तर पर रिसोर्स पर्सन हर विकासखंड में मास्टर ट्रेनर चुनेगा। हर 20 ग्राम पंचायत स्तर पर 1 मास्टर ट्रेनर रहेगा है। मास्टर ट्रेनर सरकारी या प्राइवेट संस्था के राज मिस्त्री ट्रेड के प्रशिक्षक, पूर्व प्रशिक्षित राज मिस्त्री मास्टर ट्रेनर, पीडब्ल्यूडी के सेवानिवृत्त या अन्य निर्माण एजेंसियों के अनुभवी राज मिस्त्री अथवा प्रशिक्षित राज मिस्त्री में से चुना जाएगा।

ऐसे होगा प्रशिक्षण

राज मिस्त्रियों को मास्टर ट्रेनर 6 दिन प्रशिक्षण देगा।

प्रशिक्षण स्थल विकासखंड मुख्यालय या ऐसी बड़ी ग्राम पंचायत होंगी जहां प्रशिक्षण हॉल हो।

पर्याप्त संख्या में शौचालय तथा आवास निर्माणाधीन हों।

प्रशिक्षण के दौरान 3-4 प्रशिक्षणार्थी एक शौचालय का निर्माण करेंगे।

एक बैच 40 प्रशिक्षणार्थियों का रहेगा, जो एक ग्राम में 8 से 10 शौचालय प्रशिक्षण व अधिक के दौरान बनाएगा।

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