जबलपुर : शहर में प्रदेश का पहला कौशल विकास केन्द्र खुलेगा। अगले 2 से 3 महीने में इसकी स्थापना कर दी जाएगी। इसके अलावा यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी खोला जाएगा। यह घोषणा केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने बुधवार को की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कैम्पेन को सफल बनाने के लिए मेकर्स तैयार करना आवश्यक है। देश में 50 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं। जिन्हें कुशल बनाना आवश्यक है। उन्होंने दोनों ही इंस्टीट्यूट की स्थापना के संबंध में स्पष्ट किया कि शीघ्र ही केन्द्र की टीम यहां आएगी, जिला प्रशासन जैसे ही जमीन मुहैया करा देगा, इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज युवाओं को शिक्षा तो दी जा रही है, लेकिन स्किल्ड नहीं बनाया जा रहा है।
कौशल विकास केन्द्र में युवाओं को स्किल्ड बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए कैबिनेट ने 30 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। आने वाले सालों में राज्य सरकार के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में कौशल विकास का जाल बिछाया जाएगा। प्रस्तावित इंस्टीट्यूट के लिए जमीन मुहैया कराने के संबंध में अधिकारियों का कहना है कि महाराजपुर, खैरी और महगांव में से किसी एक स्थल पर जमीन चिह्नित की जा सकती है।
ये होगा लाभ
कौशल विकास केन्द्र
कम शुल्क में युवा बनेंगे स्किल्ड। प्लंबर, मशीन ऑपरेटर, ब्यूटीशियन जैसे कोर्स होंगे संचालित व बड़ी संख्या में युवाओं को मिलेगा रोजगार व तकनीकी शिक्षा का केन्द्र बन जाएगा जबलपुर। पारंपरिक तकनीकी कार्यों में संलग्न लोगों को भी मिल सकेगा सर्टिफिकेट व बड़ी संख्या में नए कोर्स होंगे संचालित व युवाओं को किताबी शिक्षा के साथ प्रेक्टिकल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि यहां 8-10 करोड़ की लागत से यह इंस्टीट्यूट स्थापित होगा। देश में 18 लाख स्किल्ड ड्राइवर की आवश्यकता है। 1 लाख ड्राइवर तो अकेले ओला कंपनी को चाहिए। यहां स्थापित होने वाले इंस्टीट्यूट में अंतरराष्ट्रीय स्तर के ड्राइवर नि:शुल्क तैयार किए जाएंगे, जिन्हें हैवी वाहन व मशीनरी की ड्राइविंग का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।
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