अलवर : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिले में करीब 200 से 300 सेंटर खुले हुए हैं। पिछले 6 माह से एनएसडीसी द्वारा किसी भी सेंटर को सीटें या टारगेट अलॉट नहीं किए गए हैं। जबकि प्रत्येक केन्द्र संचालक को हर महीने 30 से 50 हजार रुपए का किराया, बिजली का बिल और इसके अतिरिक्त स्टाफ का वेतन अपनी जेब से देना पड़ रहा है।
यह बात कांग्रेस महासचिव और पीएमकेवीवाई संघर्ष समिति के अध्यक्ष बलराम यादव ने शुक्रवार को लाल डिग्गी के पास स्थित सोमवंशी धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर युवा बेरोजगारों ने मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पीएमकेवीवाई (स्किल इंडिया) से जुड़कर लाखों रुपए का निवेश किया। फीस जमा करवाने के बाद भी किसी भी सेंटर को 6 महीने बाद भी टारगेट नहीं दिया गया है। सेंटर संचालक क्षितिज माथुर का कहना था कि जब टारगेट नहीं देने थे तो सेंटर क्यों खुलवाए गए। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की बनती है।
इससे पहले पीएमकेवीवाई संघर्ष समिति की ओर से कंपनी बाग से कलेक्ट्रेट तक आक्रोश रैली भी निकाली गई। इस दौरान सेंटर संचालकों स्टाफ विद्यार्थियों ने एनएसडीसी द्वारा सीटें नहीं देने के विरोध में नारेबाजी की और बलराम यादव के नेतृत्व में कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर अनिल जैन, फकरुद्दीन, नवीन शर्मा, योगेश, बनवारी, टिकेन्द्र, धर्मेंद्र चौधरी सहित महुआ, दौसा, सिकंदरा और नगर के केन्द्र संचालक मौजूद रहे।
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