मोमेंटम झारखंड : सेमिनार में केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री रूड़ी ने कहा, अब शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है कौशल

रांची (झारखंड) : आजादी के बाद से अब तक शिक्षा पर बहुत बात हुई है। दूसरी अोर इस शिक्षा का हाल देखिये। उत्तर प्रदेश के 40 नगर पालिकाअों में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए दो सौ से अधिक पीएचडी होल्डर भी आवेदन करते हैं। इसी आयोजन में माहौल को सुंदर बनानेवाले फोटोग्राफर, स्टेज बनानेवाले, फूल लगानेवाले, खूबसूरत लाइट लगानेवाले लोग कौन हैं। वे बहुत पढ़े-लिखे नहीं, पर कुशल लोग हैं।

उनके पास अपने काम का कौशल है। इसलिए भारत सरकार ने कौशल विकास के लिए एक अलग विभाग ही बनाया है। केंद्रीय कौशल विकास, खेल व युवा मामले तथा इंटरप्रेन्योरशिप राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूड़ी ने यह बातें कही। वह मोमेंटम झारखंड के तहत आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि थे।

श्री रूड़ी ने कहा कि अोला व अन्य कैब के लोग मुझसे दो लाख ड्राइवर मांग रहे हैं। हम दे नहीं पा रहे। उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव की मांग पर श्री रूड़ी ने खूंटी स्थित नॉलेज सिटी में राष्ट्रीय स्तर का ट्रेनर व मास्टर ट्रेनर इंस्टीट्यूट बनाने के लिए करीब 150 करोड़ रुपये मुहैया कराने पर सैद्धांतिक सहमति दी।

इससे पहले डॉ यादव ने कहा कि राज्य सरकार अगले कुछ वर्षों में राज्य भर में एक सौ कॉलेज खोलेगी। इनमें से 40 का निर्माण या तो चल रहा है या फिर प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि अब हमारे युवाअों को नामांकन के लिए भटकना नहीं होगा। राज्य से बाहर पढ़ने जाने की भी मजबूरी नहीं रहेगी। स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने झारखंड में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाअों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि तीन नये मेडिकल कॉलेज (पलामू, हजारीबाग व चाईबासा) का शिलान्यास केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा जल्द करेंगे।

श्री चंद्रवंशी ने निवेशकों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश करने को कहा। बताया कि राज्य सरकार 50 बेड का अस्पताल बनाने पर 20 करोड़, सौ बेड पर 25 करोड़ तथा डेढ़ सौ बेड के अस्पताल पर 30 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता देगी। वहीं मुख्य सड़क से पांच किमी तक सड़क व बिजली की व्यवस्था भी करेगी। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने राज्य में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाअों और इसकी चुनौतियों पर चर्चा की। सेमिनार में उच्च व तकनीकी शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य में उच्च व तकनीकी शिक्षा में निवेश की संभावनाअों के बारे में विस्तार से बताया. एसआरएल, मेडॉल व आइटी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी विचार रखे।

गत 21 साल से कोई लाइसेंस निर्गत नहीं

कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कौशल विकास से जुड़ी कुछ विडंबनाअों पर भी चर्चा की। कहा कि जमशेदपुर में देश का पहला ट्रक कारखाना (टेल्को) खुला। पर गत 21 सालों से वहां हेवी मोटर ह्वेकिल चलाने का कोई लाइसेंस निर्गत नहीं हुआ है। भारत से करीब 17 हजार किमी दूर पेरू से लोग भारत आकर हेवी मशीन चला कर कमा  रहे हैं। हमारे यहां प्रशिक्षित लोग नहीं हैं। झारखंड जैसे राज्य को भी इन  बातों पर गौर करना होगा।

कौशल विकास के लिए 14 एमअोयू हुए

कोशल विकास मिशन के तहत झारखंड ने 14 फर्म व कंपनियों के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत कौशल विकास, इसके केंद्र तथा कौशल विकास संबंधी पाठ्यक्रम तैयर करने में संबंधित कंपनियां राज्य सरकार को मदद करेंगी। 12 एमअोयू मेगा ट्रेनिंग सेंटर के लिए हुआ है, जो हर जिले में होगा। वहीं बेल्जियम मुख्यालय वाला यूरोप इंडिया फाउंडेशन फॉर एक्सेलेंस नॉलेज ट्रांसफर में तथा आइटी एजुकेशन, सिंगापुर पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद करेगा।

आइटीआइ का नया परिदृश्य होगा

श्री रूड़ी ने कहा कि हमने झारखंड सरकार को प्रस्ताव दिया था कि वे हमें 25 आइटीआइ  दें, जहां हम कौशल विकास के लिए विभिन्न उपकरण लगा कर उन्हें सुसज्जित  करेंगे। पर आज तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है। आइटीआइ कौशल विकास का सबसे माकूल संस्थान है।

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