रांची (झारखंड) : राज्य सरकार देवघर में बच्चियों के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर खोलेगे। यहां बच्चियों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस सेंटर पर करीब तीस करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को झारखंड उच्च न्यायालय एवं महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित ईस्टर्न जोन कांफ्रेंस ऑन जेजे एक्ट विथ फोकस ऑन रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम में ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रांची और गुमला में भी रिहैबिलिटेशन सेंटर खोलने की तैयारी है। यहां पलायन से प्रभावित बच्चों को ट्रेनिंग देकर स्वावलंबी बनाया जाएगा।
वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए 115 मामलों की सुनवाई
इस प्रोग्राम में बाल सुधार से संबंधित विभिन्न 115 मामलों में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई और 17 मामलों का निष्पादन भी किया गया है। सीएम ने कहा कि त्वरित न्याय की दिशा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी अहम भूमिका है। हजारीबाग में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पंचायत सचिवालय के माध्यम से गांव के अनाथ बच्चों का सर्वेक्षण करा कर रिहैबिलिटेशन सेंटर के माध्यम से उनको प्रशिक्षित किया जा रहा है।
रांची- जमशेदपुर में आदर्श बाल सुधार गृह
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि रांची एवं जमशेदपुर में आदर्श बाल सुधार गृह बनाया गया है। अब राज्य के अन्य बाल सुधार गृहों को भी आदर्श बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने ईस्टर्न जोन की बैठक को झारखण्ड में करने के लिए आयोजकों को बधाई दी। इस मौके पर जस्टिस मदन वी लोकुट, जस्टिस पीके मोहंती, जस्टिस डीएन पटेल, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, यूनिसेफ के जेवियर ऑगिलियर एवं मधुलिका जोनाथन समेत विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधि मौजूद थे।
शुरू होगी बाल गरीब समृद्धि योजना
राज्य सरकार बाल गरीब समृद्धि योजना शुरू करेगी। इस योजना में कोई भी व्यक्ति अंशदान कर सकता है। इस फंड का इस्तेमाल बच्चे- बच्चियों के कल्याण में किया जाएगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
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