31 आईटीआई में करीब 1400 शिक्षकों की है कमी, गेस्ट शिक्षकों को भर्ती कर काम चलाने की तैयारी

पटना (बिहार) : तकनीकी शिक्षा का राज्य में बुरा हाल है। न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर में बल्कि शिक्षकों (अनुदेशकों) की कमी के दृष्टिकोण से भी। वर्तमान में राज्य भर में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) हैं। इन सभी में छात्र तो पर्याप्त हैं, लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए अनुदेशक ही बहाल नहीं किये गए हैं। इसके कारण बिहार में स्किल डेवलपमेंट का अभियान मंदा पड़ रहा है। जानकारी हो कि बिहार सरकार ने सात निश्चय को आधार रखते हुए नए आईटीआई खोले गए थे। इस अपेक्षा के साथ कि राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने की दिशा में ठोस पहल होगा। लेकिन ऐसा होता फिलहाल नहीं दिख रहा है।

ठेके पर रखें जाएंगे अनुदेशक

आईटीआई में अनुदेशक यानि शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए श्रम संसाधन विभाग ने गेस्ट के रूप में अनुदेशकों को पठन- पाठन कराने के लिए विज्ञापन निकाला था। लेकिन फिलहाल इसका पैनल अब तक तैयार नहीं हो सका है। सूत्रों ने बताया कि संस्थान में प्रिंसिपल के अलावा महज एक- एक अनुदेशक ही भेजे जा सके हैं.

यहां है अनुदेशकों की कमी

पुरूषों के लिए बने आईटीआई जैसे दाउदपुर, उदाकिशनगंज, तारापुर, पश्चिम मुजफ्फरपुर, राजगीर, रोसड़ा, बिरौल, मनिहारी, हवेली खड़गपुर, पालीगंज, बनमखी, वायसी, सिमरी, बख्तियारपुर, पुपरी, नरकटियागंज, अररिया, नवगछिया और महुआ आईआईटी में एक भी शिक्षक नहीं हैं.

ये है स्थिति

जानकारी हो कि बिहार में 31 आईटीआई है और इसमें तीन सौ नियमित अनुदेशक हैं। सरकार की तैयारी है कि बचे हुए रिक्त पदों पर अनुदेशकों की बहाली की जाए। वर्तमान में 1400 अनुदेशकों की है कमी। प्रधान सचिव ने इस संबंध में घोषणा की है कि वे जल्द ही समस्या का समाधान ढूंढ लेंगे। बता दें कि वर्तमान में इतने शिक्षकों की कमी के कारण छात्र छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। इस बारे में प्रधान सचिव दीपक कुमार ने बताय है कि अनुदेशकों के पदों पर बहाली होनी है। वर्तमान में इसके लिए पैनल तैयार किया जा रहा है।

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