कोडरमा (झारखंड) : राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत बेरोजगारों के कौशल विकास के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा है। छात्रों की फर्जी उपस्थिति दिखाकर सेंटरों का संचालन किया जा रहा है। नगर पर्षद क्षेत्र में एनयूएलएम के तहत संचालित सेंटरों की ओर से बिल के भुगतान के लिए दिए गए छात्रों के बायोमैट्रिक हाजरी सीसीटीवी कैमरा के फुटेज से इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। नगर पर्षद की ओर से इनमें कई सेंटरों का भुगतान रोक दिया गया है। साथ ही इसकी जानकारी सरकार को भेजी जा रही है।
एनयूएलएम के तहत नगर पर्षद क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2016-17 में सुनीता फाउंडेशन, इंदिरा गांधी एजुकेशन ट्रस्ट, एनआईसीवीटी, एनआईटीडीटी ओमेन डवलपमेंट नामक संस्था की ओर से सेंटर का संचालन किया गया है। इसमें ब्यूटीशियन, सिलाई-कढ़ाई के अलावा इलेक्ट्रानिक्स ट्रेड में शहरी क्षेत्र के गरीब बेरोजगार युवक युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया है। एक संस्था एरिस सॉफ्टवेयर सोल्यूशन को सबलेट पर काम करने के कारण सिटी मिशन मैनेजर की रिर्पोट पर शुरुआत में ही काली सूची में डाल दिया गया था। इन सेंटरों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवक युवतियों को मैनुअल के साथ-साथ बायोमैट्रिक हाजरी बनानी थी। साथ ही सेंटर के प्रतिदिन का सीसीटीवी फुटेज भुगतान के लिए अनिवार्य किया गया था। सेंटर के संचालन के दौरान समय-समय पर सिटी मिशन मैनेजर नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी की ओर से निरीक्षण के दौरान वहां की गड़बड़ियों को निरीक्षण पंजी में भी अंकित किया जाता रहा है। ब्यूटीशियन ,सिलाई-कढ़ाई इलेक्ट्रानिक्स में 720 से 1100 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना है। जबकि भुगतान अधिकतम 800 घंटे का किया जाना है। विभाग की ओर से एक लाभुक पर प्रतिघंटा 34.70 रुपए की दर से एजेंसी को भुगतान किया जाना है।
विभागीय शर्तों के अनुसार सेंटर का संचालन शुरु होने के साथ ही एजेंसी को ट्रेनिंग शुरु करने के लिए 30 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया था। कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया की सिटी मिशन मैनेजर राजन कुमार की शिकायत पर जब सुनीता फाउंडेशन की जांच की गई तो वहां इलेक्ट्रानिक ट्रेड का प्रशिक्षण बंद पाया गया था। इसके अलावा अन्य सेंटरों की जांच में भी कई तरह की अनियमितता सामने आयी है। जिसकी रिर्पोट नगर विकास विभाग को सौंपी जा चुकी है।
क्या कहते हैं अधिकारी : नगरपर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार झा ने कहा कि एजेंसी ने दूसरे किस्त के भुगतान के लिए बिल प्रस्तुत किया है। प्रारंभिक जांच में कई सेंटरों में त्रुटियां पाई गई है। बायोमेट्रिक हाजिरी सीसीटीवी फुटेज में भिन्नता है। पूरी जांच के बाद इसकी जानकारी विभाग को सौंपी जाएगी। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।