युवाओं को सोलह संस्कार, पूजा-पाठ, यज्ञ-कुण्ड निर्माण समेत विभिन्न पौरोहित्य कार्यों में रोजगार देने के लिए संस्कृत अकादमी नया पाठ्यक्रम शुरू कर रही है। गुजरात के बाद राजस्थान ऐसा पाठ्यक्रम शुरू करने वाला दूसरा राज्य है।
इसे लेकर कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता विभाग तथा राजस्थान संस्कृत अकादमी ने एमओयू कर नया पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। कौशल विकास आयुक्त कृष्ण कुणाल तथा संस्कृत अकादमी अध्यक्ष डॉ. जया दवे की उपस्थिति में अकादमी निदेशक डॉ. राजेन्द्र तिवाडी तथा कौशल विकास विभाग के महाप्रबन्धक विश्वास पारीक ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। अकादमी अध्यक्ष डॉ. जया दवे ने बताया कि यह पुरोहित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
संस्कृत अकादमी प्रदेश में 27 वेद विद्यालय चला रही है, जिनके माध्यम से संस्कृत पढने वाले युवाओं में कौशल विकास के माध्यम से रोजगार प्रदान किया जा रहा है। अकादमी निदेशक डॉ. राजेन्द्र तिवाडी ने बताया कि पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए आवेदन पत्र अकादमी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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