बेंगलूरु : मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि युवाओं को प्रशिक्षण देने व रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने के लिए राज्य सरकार जल्द कौशल विकास नीति जारी करेगी।
सोमवार को कौशल विकास अभियान का वेब पोर्टल लांच करने और एक मासिक पत्रिका का विमोचन करने के बाद सीएम ने कहा कि कौशल विकास नीति की रूपरेखा तैयार करने का काम जारी है। नीति के तहत 1.88 करोड़ युवाओं को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह नीति राज्य ज्ञान आयोग की सिफारिशों पर आधारित होगी।
अभियान के तहत इस साल 5 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना है। योजना के बारे में बजट में भी घोषणा की गई थी। इस साल कम से कम 1 लाख युुवाओं को रोजगार दिए जाएंगे। गत वर्ष 1.60 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया था।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर संबंधित जिला प्रभारी मंत्रियों द्वारा अभियान शुरू किया जाएगा, जबकि तालुक स्तर पर संबंधित विधायक इसकी शुरुआत करेंगे। पंजीयन का काम सोमवार से शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डिग्री धारकों व स्नातकोत्तर का प्रतिशत फिलहाल 29 फीसदी है, जिसे कम से कम 70 फीसदी तक बढ़ाना होगा। विदेशों में यह 8 0 से 90 प्रतिशत है। कौशल प्रशिक्षण देकर युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने से राज्य की जीडीपी में वृद्धि होगी। इससे आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
योजना के तहत तीन से छह माह तक नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही कुशल कलाकारों को आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विदेशी निवेश आकर्षित करने के मामले में राज्य देश में तीसरे स्थान पर है। घरेलू क्षेत्र सहित कुल निवेश के लिए प्रथम स्थान मिला है। विधानसभा अध्यक्ष के.बी.कोलीवाड ने कहा कि कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना राज्य सरकार का सराहनीय कदम है। उन्होंने युवाओं से इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रशिक्षण क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं पर आधारित होना चाहिए।
कार्यक्रम के ब्रांड एम्बेसेडर नियुक्त किए गए कन्नड़ फिल्म अभिनेता पुनीत राजकुमार कहा कि यह गर्व की बात है कि राज्य सरकार ने युवाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए यह कार्यक्रम लांच किया है।
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