अमृतसर (पंजाब) : नशे में अपनी जवानी खराब करने वाले युवाओं को अब मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सर्कुलर रोड स्थित रीहेबिलिटेशन सेंटर पर हाथ के गुर सिखाए जाएंगे। डेढ़ साल से इसके संचालक विभिन्न एनजीओज और कंपनियों से यहां आने का अनुरोध कर रहे थे। लेकिन हर बार यह प्रयास या तो बजट से बाहर हो जाता था या कुछ समय बाद ही शुरु किया गया कोर्स बंद हो जाता था। लेकिन अब कुछ ऐसी समाजसेवी संस्थाओं को जोड़ा गया है जो 6 तरह के कोर्स युवाओं को यहां सिखाएंगे। गौरतलब है कि पंजाब में नशे के बढ़ने का एक बड़ा मुख्य कारण बेरोजगारी है। डिप्रेशन में आकर युवा नशे का दामन थाम लेते हैं। ऐसे में अगर रीहेबिलिटेशन सेंटर पर युवाओं को नशे से दूर रखने के साथ-साथ हाथ के गुर सिखाए जाते हैं तो यह निश्चित हो जाएगा कि वह दुबारा नशा नहीं करेगा।
डिस्ट्रिक मेडिकल कमिश्नर डॉ. रजिंदर अरोड़ा ने बताया कि इस सेंटर में स्किल डेवलपमेंट कोर्स की सुविधा आरंभ कर दी गई है। पंजाब सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मरम्मत, प्लम्बर, टेलरिंग, हस्तकला सहित आधा दर्जन कोर्सों की सुविधा शुरू की है। सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप चावला ने बताया कि स्वयंसेवी संस्था सन को इसके लिए अनुबंधित किया गया है। उपरोक्त कोर्सों के अतिरिक्त नशेडिय़ों को म्यूजिक, डांसिंग और योगा भी सिखाई जा रही है। कुछ ही दिनों में यहां वैल्डिंग यूनिट भी शुरु हो जाएगा। इसके अलावा मोबाइल रिपेयर का कोर्स भी शुरू करवाया जा रहा है। वहीं यहां से तीन माह तक ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को संबंधित कोर्सों के लिए असिस्टेंट सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ताकि वह इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कार्पेंटर आदि के साथ असिस्ट कर सकें और अपना रोजगार कमा सकें।
नशों से दूर रखने के लिए टाइम टेबल तैयार: डॉ.चावला ने बताया कि रीहेबिलिटेशन सेंटर में मरीजों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। दो से चार महीने के बाद मरीज इस सेंटर से विदा होंगे और फिर समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अपने बूते जीवन निर्वाह करेंगे। रोज का टाइम टेबल बनाया गया है। जिसके हिसाब से ही इनका इलाज भी चलता है और रोजगार के लिए इनकी ट्रेनिंग भी।
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