रायपुर (छत्तीसगढ़) : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत नवयुवकों को प्रशिक्षित करने के लिए आवेदन लिया गया, लेकिन उन्हें ट्रेनिंग नहीं दी गई। हितग्राहियों को बताए बिना ही उनका बैंक में खाता खोल दिया गया और इन खातों में 10-10 हजार रुपए भी आने लगे। इस तरह छात्रों को स्टायफंड देने के नाम पर करोड़ों रुपए की धांधली की जा रही है। स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री सतीश त्रिपाठी और वीरेंद्र पांडेय ने मामले की जांच करने की मांग की है। पत्रकारों से चर्चा में पांडेय ने दुर्ग जिले के विभिन्न गांवों के ऐसे 43 युवक-युवतियों का नाम जारी किया, जिन्हें प्रशिक्षण दिया नहीं गया और उन्हें प्रशिक्षित बता दिया गया। देना बैंक में उनके खाते भी खोल दिए गए। उन्होंने कहा कि योजना को लूट का केंद्र बना दिया गया है। उनके साथ आई मधु तिवारी ने बताया कि उन्होंने योजना के तहत प्रशिक्षण पाने के लिए आवेदन किया था। उनका आधार कार्ड नंबर और अन्य जानकारियां ली गईं, लेकिन इसके बाद कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके करीब तीन महीने बाद बैंक से फोन आया कि आप अपने एटीएम कार्ड का पिन नंबर दो।
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