इलाहाबाद : युवाओं का कौशल विकास करने के लिए यूपी बोर्ड पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश भर के राजकीय कालेजों में इंटरमीडिएट स्तर पर एक ट्रेड अनिवार्य रूप से पढ़ाने का खाका भी खींच लिया गया है। इसके लिए बजट की जरूरत होगी। बोर्ड प्रस्ताव भेजकर शासन से बजट मांगेगा और मुहैया होने पर नये सत्र से यह कार्य शुरू होने के आसार हैं।
बोर्ड सचिव शैल यादव ने बताया कि व्यवसायिक वर्ग के छात्रों को हुनरमंद बनाने के लिए केंद्र सरकार की कौशल विकास योजना चल रही है। यूपी बोर्ड इसमें सरकार के साथ कदमताल करने को तैयार है। बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ कि शासन बजट मुहैया करा देगा तो एक ट्रेड हर स्कूल में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा।
ट्रेजरी में जमा करें पंजीकरण शुल्क
बोर्ड बैठक में पंजीकरण शुल्क का मुद्दा भी उठा। इसमें हर छात्र-छात्रा से 20 रुपये वसूले जा चुके हैं और विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के पास करीब 13 करोड़ से अधिक की धनराशि रखी है। यह धन परिषद सचिव के खाते में जमा होना था, लेकिन वित्त विभाग ने इसकी अनुमति नहीं दी है। बैठक में यह तय हुआ कि परिषद शासन को प्रस्ताव भेजेगा कि इस बार वसूला गया धन ट्रेजरी में जमा कराया जाएगा, लेकिन अगले शैक्षिक सत्र से यह धन वसूला जाए या नहीं के संबंध में शासन आदेश जारी करे। बैठक में परिषद सभापति ने पूरा धन ट्रेजरी में जमा करने और फिर उसमें से दस रुपये विद्यालय को बजट के रूप में देने का निर्देश किया, लेकिन इस पर मंथन जारी है।
अभिलेखों का डिजिटाइजेशन
यूपी बोर्ड की बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि हाईस्कूल व इंटर के लाखों परीक्षार्थियों के शैक्षिक अभिलेखों का डिजिटाइजेशन कराया जाए, अन्यथा सभी रिकॉर्ड खराब हो रहे हैं साथ ही उनमें हेराफेरी का भी खतरा है। इस पर सभापति ने बोर्ड से कहा कि वह डिजिटाइजेशन का बजट बनाकर भेजे इस संबंध में शासन से वार्ता करके धन जारी कराया जाएगा। बोले, हर हाल में शैक्षिक अभिलेख सुरक्षित रखे जाएं।
योग शिक्षा विस्तार को मंजूरी
यूपी बोर्ड बैठक में कक्षा नौ से लेकर 12वीं तक में योग शिक्षा को विस्तार देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। योग शिक्षा के अंक हाईस्कूल में छह और इंटर में पांच अंक से बढ़ाकर अब 20-20 किए जाएंगे। पिछले दिनों शासन के निर्देश पर पाठ्यचर्या समिति की बैठक में शिक्षा को विस्तार देने का खाका खींचा गया था।
ऑनलाइन विद्यालयों को मान्यता
प्रदेश भर में विद्यालयों को अब ऑनलाइन मान्यता देने के प्रस्ताव पर भी बैठक में मुहर लग गई है। स्कूलों की मान्यता ऑनलाइन करने से अब भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, क्योंकि मान्यता लेने के लिए लोग तरह-तरह की शर्तें पूरी करते रहे हैं। इसी तरह अब कोई विद्यालय अपनी धारण क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं का पंजीकरण भी नहीं करा सकेगा। वहीं स्कूलों को निर्धारित संख्या से अधिक परीक्षार्थियों के पंजीकरण के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक से अनुमति लेनी होगी। बोर्ड के ये सभी निर्णय शासन को मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे अनुमति के बाद लागू किया जाएगा।
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