बरेली : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में ट्रेनिंग सेंटर संचालक पर लगाए गए ट्रेनिंग फीस घपले और प्रशिक्षणकर्ता को फर्जी परीक्षा दिलाने की जांच पूरी हो गई। इसमें ट्रेेनर को फर्जी परीक्षा दिलाने के आरोप सही पाए गए। ट्रेनिंग सेंटर संचालक इन आरोपों के बचाव के पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके। जांचकर्ताओं ने शिकायतकर्ता के आरोप सही मानते हुए ट्रेनिंग सेंटर संचालक पर एफआईआर दर्ज कराने की संस्तुति की है। हालांकि जांच में अन्य प्रशिक्षणकर्ताओं के आरोप सच नहीं पाए गए।
भोजीपुरा में 16 जून 2016 को जय सच्चिदानंद कंप्यूटर सेंटर संचालक अरविंद और उनके सगे भाई वीरपाल पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन के नाम पर 12 सौ रुपये बिना रसीद लिए जमा कराने और प्रशिक्षणार्थियों की पास बुक जमा कराकर उनके बैंक खाते से रिवार्ड मनी (7500 रुपये प्रति स्टूडेंट) निकालने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता अजय गंगवार का आरोप था कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में संचालित केंद्र संचालक ने बड़ौदा पश्चिमी ग्रामीण बैंक प्रबंधक से मिलकर रिवार्ड मनी की रकम उनके बैंक खाते से निकाल ली जबकि ये धनराशि लाभार्थियों के खातों में भेजी जाती है। दूसरी शिकायतकर्ता आशा देवी का आरोप था कि जय सच्चिदानंद कंप्यूटर सेंटर संचालक भोजीपुरा में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत उन्होंने लॉजिस्टिक का कोर्स किया। जिस दिन कौशल विकास की परीक्षा होनी थी, उसी दिन उनका यूपी पीसीएस का पेपर था। वह पीसीएस का पेपर देने बरेली आई थीं। इस वजह से कौशल विकास केंद्र पर उनकी लॉजिस्टिक की परीक्षा छूट गई लेकिन कंप्यूटर संचालक ने धोखाधड़ी कर उनके स्थान पर किसी अन्य छात्रा को उपस्थित दिखाकर परीक्षा दिला दी और उसे सफल भी घोषित कर दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि सेंटर संचालक ने उस पर दबाव बनाया कि वह बैंक में आकर दस्तखत करे। अन्यथा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
जीटीआई सीबीगंज से बीके मंडल, प्रबंधक कौशल विकास मिशन उत्तर प्रदेश भारतेंदु मिश्र, और नवीन शर्मा प्रबंधक कौशल विकास मिशन बरेली ने जांच की। जांच में शिकायतकर्ता अजय गंगवार का आरोप सच नहीं पाया गया लेकिन आशा देवी के आरोपों के जवाब कंप्यूटर सेंटर संचालक ठोस साक्ष्य जांच टीम के समक्ष रखने में असफल रहा। जांच टीम ने केंद्र संचालक पर धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति की है।
शिवसहाय अवस्थी, सीडीओ ने कहा कि अभी जांच रिपोर्ट मुझे नहीं मिली है। मैं दफ्तर पहुंचते ही जांच रिपोर्ट मंगवाकर देखूंगा। इसके बादर कंप्यूटर संचालक पर नियमानुसार कार्रवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
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