उत्तर प्रदेश में कौशल विकास के लिए अगले छह महीनों में खुलेंगे नए 50 राजकीय आईटीआई: चेतन चौहान

लखनऊ : व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री चेतन चौहान ने कहा है कि अगले छह महीनों में 50 नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) खुल जाएंगे। जिस तरह से निवेशकों ने प्रदेश में 4 लाख 28 हजार करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके चलते प्रदेश में नए उद्योग लगेंगे। उन्हें बड़ी तादाद में दक्ष मानव श्रम की जरूरत होगी। ऐसे में आईटीआई की संख्या बढ़ाकर उन्हें ट्रेन्ड युवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे प्रदेश के युवाओं को उद्योगों में नौकरी मिलेगी।

चौहान गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट-2018 के दूसरे दिन कौशल विकास- उत्तर प्रदेश के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ विषय पर आयोजित तकनीकी सत्र में बोल रहे थे। इस सत्र में केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान अपरिहार्य कारणों से नहीं आ पाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 286 राजकीय और 2500 निजी आईटीआई हैं। इनसे प्रतिवर्ष करीब चार लाख युवा प्रशिक्षित होकर निकलते हैं। इनमें सवा लाख राजकीय आईटीआई से एक दर्जन कोर्सों में प्रशिक्षत होते हैं। ट्रेन्ड युवाओं को प्रशिक्षित करके नए लगने वाले उद्योगों में उन्हें नौकरी दिलाई जा सकती है। इसके लिए अगले छह महीनों में आईटीआई की तादाद 286 से बढ़कर 336 हो जाएगी। इन 50 नए आईटीआई के लिए 60 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।

चौहान ने कहा कि निजी आईटीआई में फिटर और इलेक्ट्रीशियन के ही कोर्स होते हैं जबकि राजकीय आईटीआई में फिटर व इलेक्ट्रीशियन के अलावा ब्यूटीशियन, फैशन डिजाइनिंग, मैकेनिक, मशीन मैन समेत करीब एक दर्जन दो साल के कोर्स होते हैं। इसलिए राजकीय आईटीआई में प्रशिक्षित युवक का नौकरी पाने का बहुत स्कोप रहता है। मौजूदा समय में हमारे सरकारी आईटीआई ट्रेंड प्लेसमेंट की दर 60 फीसदी है। इस दर को बढ़ाकर 80 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है। बाकी 20 फीसदी प्रशिक्षित होकर अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं। इसी तरह कौशल विकास मिशन के तहत प्रदेश के 400 केन्द्रों पर भी प्रशिक्षण चल रहा है।

लखनऊ मेट्रो में ट्रेंड युवकों को नौकरी मिली

व्यवसायिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि लखनऊ मेट्रो के एमडी केशव कुमार ने उनसे हाथ से काम करने वाले ट्रेन्ड युवक मांगे हैं। आईटीआई में हाथ से काम करने वाले ही प्रशिक्षित युवक निकलते हैं। लखनऊ मेट्रो में बड़ी तादाद में आईटीआई ट्रेन्ड युवकों को नौकरी मिलेगी।

विदेशी भाषाएं सीखनी होंगी

इस सत्र में व्यवसायी कैप्टन शिवेन्द्र सिंह ने यह समस्या बताई कि आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं को भाषा की समस्या के कारण विदेशों में नौकरी नहीं मिल पाती है। नार्वे में ही 10 हजार नर्सों की जरूरत है लेकिन वहां की भाषा न जानने के कारण यहां की नर्सिंग कोर्स से प्रशिक्षित महिलाएं वहां नौकरी नहीं पा सकती हैं। इस समस्या से चेतन चौहान ने सहमति जताते हुए अपने मातहत अधिकारियों को इस समस्या का हल निकालने के निर्देश दिए।

इसी तरह एम एस इन के निदेशक लवकेश कुमार सिंह ने सुझाव दिया कि पहले तो युवाओं के टैलेन्ट को जाना जाए, फिर उसी हिसाब से उनको प्रशिक्षित किया जाए। इसी तरह आसमा हुसैन ने ट्रेनिंग सेंटर के पार्टनर बनने की प्रक्रिया के बारे में जाना। इस मौके पर प्रमुख सचिव व्यवसायिक शिक्षा भुवनेश कुमार, टीमलीज सर्विसेज के मनीष सभरवाल, नेशनल स्किल डेवलपमेंट के अधिशासी निदेशक जयंत कृष्ण, लावा के चीफ मैन्यूफैक्चरिंग ऑफिसर संजीव अग्रवाल, सेन्टम वर्कस्किल इंडिया की बिजनेस हेड विनीता कुमार और आईएल एण्ड एफएस के एमडी आर सी एम रेड्डी ने भी अपने विचार रखे।

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