आगरा : ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी समाप्त करने की पहल डिस्ट्रिक्ट मिशन मैनेजमेंट के तहत शुरू होगी। अलग-अलग विधाओं के प्रशिक्षक स्वयं सहायता समूहों में शामिल महिलाओं और बेरोजगारों को तमाम विधाओं में पारंगत करेंगे। कौशल विकास के लिए जिला में प्रेरक भी बनाए जाएंगे।
केंद्र सरकार ने अगले साल अक्टूबर तक जिले के 127 गांवों से गरीबी समाप्त करने का लक्ष्य प्रशासन को सौंपा है। इन गांवों में पिछले साल ही विकास का खाका खींच लिया गया है। अब यहां विकास तो कराया ही जाएगा, बेरोजगारों को मोमबत्ती, अगरबत्ती, बेल्ट आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अधिक से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जोड़ी जाएंगी। बता दें कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के 3813 स्वयं सहायता समूह हैं। एक समूह में दस से पंद्रह महिलाएं हैं।
उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक रवीशंकर औदीच्य ने बताया कि इस साल में करीब एक हजार समूह और बनाए जाएंगे। उनकी मदद को शमसाबाद, फतेहाबाद, खंदौली, अछनेरा, फतेहपुर सीकरी और बरौली अहीर क्षेत्र में बैंक सखी की संविदा पर तैनाती होगी। बताया कि स्वयं सहायता समूहों में शामिल महिलाओं और बेरोजगारों का कौशल निखारने के लिए प्रोफेशनल ट्रेनर की मदद प्रशासन लेगा। ये इनका कौशल विकास, सामाजिक विकास करेंगे। इनको वीडियो डॉक्यूमेंटेशन आदि की जानकारी भी दी जाएगी।
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