मुरादाबाद : दूर दराज में कार्यरत गैंग मैन और की-मैन के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रेलवे ने कदम बढ़ाया है। इन बच्चों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। छोटे स्टेशनों पर ट्रेन जाने के बाद प्लेटफार्म को वर्कशॉप बनाकर बच्चों को प्रशिक्षण देने की योजना है। प्रशिक्षण के बाद बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए रेलवे आर्थिक मदद भी करेगा। यह कहना है अजय कुमार सिंघल, मंडल रेल प्रबंधक का।
कौशल विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य हर युवा और किशोर को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाना है। दूर दराज क्षेत्र में रेल संचालन के लिए काम करने वाले गैंग मैन व की-मैन के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रधानमंत्री की पहल के बाद इनके तीन लाख बच्चों को कौशल विकास का विशेष प्रशिक्षण दिलाने की योजना तैयार की गई है। प्रशिक्षण के बाद की-मैन और गैंग मैन के बच्चों को रोजगार उपलब्ध हो पाएगा। प्रशिक्षण देने का दायित्व राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) को सौंपा गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए रेलवे एनएसडीसी को भवन और खाली पड़े ट्रेनिंग स्कूल उपलब्ध कराएगा।
शहरी आबादी में रेलवे खाली पड़े क्वार्टर, खाली समय में रेलवे के ट्रेनिंग स्कूल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। लेकिन दूर दराज के स्टेशनों पर जहां रेलवे क्वार्टर आदि नहीं हैं, वहां उन स्टेशनों का चयन किया जाना है, जहां दिन भर में एक या दो पैसेंजर ट्रेन रुकती हैं। इन स्टेशनों पर ट्रेन के जाने के बाद प्लेटफार्म को ही वर्कशॉप का रूप दिया जाएगा, जिसमें कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी।
मंडल में 20 जगह दी जाएगी ट्रेनिंग
मुरादाबाद रेल मंडल के चार हजार गैंग मैन और की-मैन कार्यरत हैं। इनके बच्चों को 20 स्थानों पर प्रशिक्षण देने की योजना है। मंडल रेल प्रशासन ने एक वेलफेयर इंस्पेक्टर को नोडल आफिसर भी बनाया है। एनएसडीसी के अधिकारी को स्थान का चयन किया जाना है।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.