इंजिनियरिंग कॉलेजों में खुलेंगे कौशल विकास केंद्र, 5वीं और 8वीं पास युवाओं को हुनरमंद बनाने की मिलेगी ट्रेनिंग

लखनऊ : युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए कौशल विकास केंद्र अभी तक निजी संस्थाएं चला रही थीं। जिसके चलते कई जगह इनके संचालन में फर्जीवाड़े के मामले सामने आए थे। जिस पर मानव विकास संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) ने इसकी रोकथाम के लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन  (एआईसीटीई ) से सुझाव मांगे। इस पर काउंसिल ने कॉलेजों में केंद्र खोलने का सुझाव दिया। मंत्रालय ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन से संबंद्ध कॉलेजों को कौशल विकास केंद्र खोलने को हरी झंडी दे दी है जिसके तहत अब इंजिनियरिंग कॉलेजों में पांचवी पास युवा भी पढ़ सकेंगे।

एआईसीटीई की मंजूरी मिलने के बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी एकेटीयू के 181 कॉलेजों को यह केंद्र खोलने की अनुमति दी गई है। इसके लिए एमएचआरडी फंड भी जारी करेगा। इन इंजीनियरिंग कॉलेजों में पांचवीं और आठवीं पास गरीब युवाओं को हुनरमंद बनाने की क्लास शुरू की जाएगी। इन कोर्स में एडमिशन के बाद पहला बैच एक अक्टूबर से शुरू होगा जबकि दूसरा बैच एक जनवरी 2019 से शुरू होगा। इन कॉलेजों में एक बैच में कुल 45475 युवा ट्रेनिंग ले सकेंगे। इन केंद्रों में चलने वाले सभी कोर्स तीन महीने के होंगे।

191 में से 181 को केंद्र खोलने की मिली अनुमति

करीब तीन माह पहले एमएचआरडी ने इसके लिए एआईसीटीई के सामने इसका सुझाव मांगा था। एआईसीटीई ने इसके लिए कॉलेजों को आवेदन करने को कहा था, जिसमें एकेटीयू के 191 कॉलेजों ने इसके लिए आवेदन किया था। एआईसीटीई ने जांच के बाद 181 कॉलेजों को केंद्र खोलने के लिए मान्यता दी है। सभी कॉलेजों को अलग-अलग ब्रांच में कोर्स चलाने की अनुमति दी गई है।

कॉलेज के खाते में भेजे जाएंगे पैसे

कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षण के लिए युवाओं को कोई भी फीस नहीं देनी होगी। यह कोर्स पूरी तरह से निशुल्क रहेगा, लेकिन कॉलेजों को इसके लिए सरकार पैसा देगी। एमएचआरडी से डायरेक्ट एआईसीटीई के माध्यम से कॉलेज के खाते में प्रति छात्र 10 से 12 हजार रुपए प्रति माह भेजे जाएंगे। कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षण के लिए छात्र को किसी भी प्रकार की शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है। इन केंद्रों में युवा जिस फील्ड में खुद को निखारना चाहते हैं उसमें प्रशिक्षण ले सकते हैं। युवाओं को पढ़ाई के साथ साथ पचास फीसदी प्रैक्टिकल पर जोर दिया जाएगा। इस केंद्र को चलाने का उद्देश्य यह है कि ऐसे युवा जिनके पास अनुभव तो हैं, लेकिन प्रमाणपत्र नहीं हैं, ऐसे युवाओं को मुख्य रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इन कॉलेजों को जिम्मेदारी भी होगी कि वह ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को रोजगार भी दिलाएं, जिससे की सरकार का सपना परवान चढ़ सके।

इन चीजों की कराई जाएगी ट्रेनिंग

आईटी सेक्टर के अलावा, डाटा एंट्री आपरेटर, डोमेस्टिक बायो मैट्रिक, डाटा ऑपरेटर, सिविल कंट्रक्शन में फॉल्स सीलिंग, सर्वेयर, वायरमैन कंट्रोल पैनल, असिस्टेंट सर्वेयर, कम्प्यूटर यूपीएस रिपेयर, टेलीकॉम शाखा में नेटवर्क इंजीनियर, टॉवर, ऑटोमेटिव एमई, ले ऑपरेटर, ऑटो कंपोनेंट, एसी स्पिंट, सीएनसी ऑपरेटर, प्लबिंग आदि कोर्स शुरू होंगे।

एकेटीयू के वीसी प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा,’एआईसीटीई से कॉलजों को कोर्स संचालित करने की अनुमति मिल गई है। इससे अब कम शिक्षित युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण मिल सकेगा।’

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