मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकभवन में कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग से संबंधित विषय पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बंद हुई 108 प्राइवेट आईटीआई की जांच करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही कहा कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मुहैया हो, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए कौशल विकास का पाठ्यक्रम निर्धारित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि पाइप पेयजल और बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। इसके लिए प्लम्बरिंग और राजमिस्त्री का प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि सभी विकास खंडों में युवाओं के कौशल विकास की प्रभावी कार्ययोजना तैयार करवाई जाए। इन ट्रेडों को शामिल किए जाने के बाद सरकार ढाई से तीन लाख लोगों को प्लेसमेंट दे सकती है।
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उन्होंने कहा कि सभी आईटीआई में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की जाए और इससे आधार से लिंक कराया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की प्रगति पर भी सवाल किया। इसके अलावा उन्होंने आईटीआई में इस ट्रेड को विकसित किए जाने पर जोर दिया।
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