उत्तर प्रदेश के 5 लाख कुशल कारीगरों को प्रशिक्षण देकर रिकगनीशन आॅफ प्रायर लर्निंग स्कीम के तहत किया जाएगा सर्टिफाइड : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए युवाओं का कौशल विकास सुनिश्चित किया जाए। कौशल विकास के पाठ्यक्रमों का निर्धारण किया जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आमजन को पाइप पेयजल व शौचालय आदि बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें, इसके लिए प्लम्बरिंग व राजमिस्त्री आदि का प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। इसी तरह अन्य सेक्टरों पर भी ध्यान देते हुए ट्रेड का निर्धारण किया जाए।

ब्लाॅक स्तर पर युवाओं के कौशल विकास

मुख्यमंत्री यहां शास्त्री भवन में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री अनन्त कुमार हेगड़े के साथ कौशल विकास के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी विकासखण्डों में युवाओं के कौशल विकास की प्रभावी कार्य योजना बनायी जाए। ब्लाॅक स्तर पर युवाओं के कौशल विकास करने से उन्हें उनके क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध कराने की सम्भावनाएं बढ़ जाएंगी और उन्हें अपना घर छोड़कर रोजगार के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।

‘स्किल आॅन व्हील्स’ कार्यक्रम को वृहद् पैमाने पर शुरू किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्किल आॅन व्हील्स’ कार्यक्रम को वृहद् पैमाने पर शुरू किया जाए। इसके लिए वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, आगरा, मेरठ तथा झांसी जनपदों में इसकी शुरुआत की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 5 लाख कुशल कारीगरों को 5 दिन का प्रशिक्षण देकर रिकगनीशन आॅफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) स्कीम के तहत सर्टिफिकेट दिया जाएगा। केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आईआईएम की तर्ज पर कानपुर में राष्ट्रीय स्तर के कौशल विकास संस्थान की स्थापना उपयोगी रहेगी।

उप्र कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) के तहत

कौशल विकास सचिव भुवनेश कुमार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश के युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण आईटीआई तथा उप्र कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) के तहत दिया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में 300 सरकारी आईटीआई तथा 2715 निजी आईटीआई मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के लिए उपयुक्त बनाना एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए कौशल विकास के साथ-साथ उनको हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं का कार्यकारी ज्ञान भी दिया जा रहा है।

आईटीआई की परीक्षा को कराया जा रहा है आॅनलाइन

कौशल विकास सचिव ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा को महत्वाकांक्षी बनाया जा रहा है। इसके तहत ‘आईटीआई चलो’ अभियान चलाया जा रहा है। इस वर्ष आईटीआई की परीक्षा को आॅनलाइन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की सहायता से माॅडल आईटीआई परियोजना के तहत प्रदेश के 2 राजकीय आईटीआई साकेत-मेरठ तथा करौंदी-वाराणसी का उच्चीकरण किया जा रहा है।

कौशल विकास के मिशन निदेशक श्री प्रांजल यादव ने बताया कि कौशल विकास मिशन द्वारा उद्योगों के साथ अनुबन्ध किया गया है। इनमें रेमण्ड्स, मारुति इण्डिया, लावा इण्टरनेशनल, इन्टैक्स, यशोदा हाॅस्पिटल, जी4एस, जावेद हबीब, सुपरटेक लिमिटेड, एटीडीसी, भीलवाड़ा ग्रुप तथा लेमन इलेक्ट्राॅनिक्स आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत 3 मोबाइल एप-स्किल कनेक्ट, स्किल मित्र एवं मोबाइल माॅनीटरिंग सिस्टम लाॅन्च किए गए हैं।

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