उत्तरप्रदेश में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए डाॅ महेन्द्रनाथ पाण्डे और श्री योगी आदित्यनाथ ने की मुलाकात

लखनऊ :  कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डाॅ महेन्द्र नाथ पाण्डे एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के बीच हुई एक सामरिक बैठक में दो स्किल सेंटर आॅफ एक्सीलेन्स  (Skill Center of Excellence CoEs) की स्थापना का संयुक्त फैसला लिया गया। इनमें से एक केन्द्र की स्थापना प्लम्बिंग के लिए ग्रेटर नोएडा में और दूसरे केन्द्र की स्थापना सर्विस सेक्टर के लिए वाराणसी में की जाएगी। केन्द्र और राज्य सरकार के बीच साझेदारी में दोनों केन्द्र अत्याधानिक बुनियादी ढांचे के साथ स्थापित किए जाएंगे, राज्य दोनों केन्द्रों की इमारत बनाने के लिए ज़मीन मुहैया कराएगा। बाज़ार की मांग और ज़रूरतों के अनुरूप बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण के लिए संबंधित सेक्टर कौशल परिषद और उद्योग जगत के साझेदार सहयोग प्रदान करेंगे।

राज्य में कौशल विकास के लिए विश्वस्तरीय ढांचे के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कानपुर में इण्डियन इन्सटीट्यूट आॅफ स्किल्स का संचालन जल्द होगा। इस केन्द्र की अवधारणा खुद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सिंगापुर इन्सटीट्यूट आॅफ टेकनिकल एजुकेशन के दौरान प्रस्तुत की और केन्द्र का शिलान्यास भी उनके द्वारा किया गया। संस्थान का संचालन इन्सटीट्यूट आॅफ टेकनिकल एजुकेशन, सिंगापुर के साथ साझेदारी में किया जाएगा और यहां 10-12 प्रयोगशालाएं होंगी। यह केन्द्र न केवल मैनुफैक्चरिंग के क्षेत्र में बल्कि सर्विस सेक्टर में भी उम्मीदवारों को कौशल प्रदान करेगा।

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केन्द्र की ओर से राज्य के लिए सहयोग का आश्वासन देते हुए डाॅ महेन्द्रनाथ पाण्डे ने कहा, ‘‘एमएसडीई उत्तरप्रदेश सरकार के साथ काम करते हुए कौशल के लिए विश्वस्तरीय प्रणाली को सुनिश्चित करेगा और साथ ही बाज़ार की ज़रूरतों के अनुरूप प्रासंगिक प्रोग्रामों के द्वारा युवाओं को कौशल भी प्रदान करेगा। इससे हमारे युवा ऐसे उद्योगों के लिए तैयार हो सकेंगे, जिनकी स्थापना राज्य में योगी जी के प्रयासों के परिणामस्वरूप की जा रही है। हम स्थानीय रोजगार सृजन के अलावा राज्य में अप्रवास की समस्या को हल करने के लिए भी प्रयास करेंगे। हम राज्य के स्थायी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

इस साझेदारी पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘हम अपनी एक ज़िला एक उत्पाद योजना के माध्यम से यूपी में कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। हम किसान समुदाय पर भी ध्यान दे रहे हैं, हम केन्द्र सरकार के साथ काम करते हुए उन्हें आज के दौर के अनुसार कौशल प्रदान कर रहे हैं ताकि उनकी उत्पादकता और आय बढ़ाई जा सके।’’

बैठक के दौरान राज्य में आईटीआई प्रणाली, इसके अपग्रेडेशन एवं आधुनिकीकरण पर भी विस्तार से चर्चा की गई। राज्य में कुल 3134 आईटीआई संस्थान है, जिनकी सीटिंग क्षमता 7.58 लाख है, तकरीबन 5.63 लाख छात्रों को यहां प्रशिक्षित किया जाता है। राज्य एवं केन्द्र सरकार की संयुक्त साझेदारी में 1396 आईटीआई को पीपीपी माॅडल के तहत अपग्रेड किया गया है। एमएसडीई के मंत्री ने आधुनिकीकरण को गति प्रदान करने के लिए दिशानिर्देश दिए हैं और सुनिश्चित किया गया है कि आईटीआई संस्थानों को मौजूदा मानकोंएवं बाज़ार के अनुसार प्रासंगिक बनाया जाए।

दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत राज्य में कौशल प्रणाली में सुधार लाने के उपायों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केे कौशल भारत मिशन की बात करें तो उत्तरप्रदेश सबसे सफल राज्यों में से एक है, जहां अब तक 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है। 75 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिनका संचालन उत्तरप्रदेश में किया जा रहा है। राज्य में पावरग्रिड, साइमन इण्डिया लिमिटेड, एनटीपीसी, आईओसीएल, बलरामपुर चीनी मिल्स, हीरो मोटो कोर्प प्रा. लिमिटेड जैसे संगठनों की भागीदारी भी बढ़ी है।

बैठक के दौरान उत्तरप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अवयव आरपीएल के तहत राज्य के किसानों के कौशल एवं अपस्किलिंग पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया। केन्द्र ने इसके लिए राज्य के साथ काम करने का वादा किया और आश्वासन दिया है कि इस प्रस्ताव की जांच कर सामुदायिक चुनौतियों को हल करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे ताकि किसानां की उत्पादकता बढ़ाई जा सके।

केन्द्र एवं राज्य सभी कौशल विकास योजनाओं के अभिसरण को सुनिश्चित करने के लिए भी एक दूसरे के साथ काम कर रहे हैं ताकि सभी के लिए एक ही बुनियादी ढांचा हो। इस प्रयास के तहत राज्य का स्किल पोर्टल और कौशल भारत पोर्टल एक साथ मिलकर कार्यरत हैं। राज्य सरकार के साथ समेकन की प्रक्रिया नवम्बर 2018 में शुरू हुई, दिसम्बर 2018 में यूपीएसडीएम सहित पूरे राज्य में विस्तृत कार्यशाला का आयोजन किया गया। यूपीएसडीएम ने 26 जून 2019 को एपीआई समेकन की प्रक्रिया शुरू की, जो 3 जुलाई 2019 को पूरी हुई।

कौशल भारत आयुष्मान भारत की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को भी समर्थन देता है, इसके लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम और नेशनल हेल्थ एजेन्सी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं; जिसके माध्यम से प्रधनमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 20000 आरोग्य मित्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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डाॅ महेन्द्रनाथ पाण्डे ने युवाओं की प्रशिक्षुता पर भी जानकारी साझा की। उन्होंने पिछली केन्द्रीय प्रशिक्षुता परिषद की बैठक के दौरान हुए सुधारों, प्रशिक्षुओं के लिए वजी़फे के युक्तिकरण जैसे प्रयासों पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि राज्य में जन शिक्षण संस्थानों के माध्यम से ग्रामीण कौशल विकास पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। वर्तमान में उत्तरप्रदेश में 47 जन शिक्षण संस्थान हैं।

बैठक की महत्वपूर्ण घोषणाएं

  • किसानों की अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग पर विशेष रूप से ध्यान
  • ग्रेटर नोएडा में प्लम्बिंग के लिए  उत्कृष्टता केन्द्र (स्किल सेंटर आॅफ एक्सीलेन्स) स्थापित किया जाएगा
  • वाराणसी में सर्विस सेक्टर के लिए उत्कृष्टता केन्द्र (स्किल सेंटर आॅफ एक्सीलेन्स) स्थापित किया जाएगा
  • कानपुर में इण्डियन इन्सटीट्यूट आॅफ स्किल्स का संचालन जल्द होगा
  • राज्य में कौशल विकास की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का पैमाना बढ़ाया जाएगा