उत्तर प्रदेश में गड़बड़ियों और मानकों पर खरा न उतरने वाले करीब 800 ट्रेनिंग सेंटरों को किया बंद

लखनऊ : कौशल विकास ट्रेनिंग सेंटरों को संचालित करने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं। कौशल मिशन निदेशक राजेश कुमार ने खुद माना है कि गड़बड़ियों के कारण पूरे प्रदेश में साल भर में करीब 800 ट्रेनिंग सेंटर बंद किए हैं। जहां भी शिकायत मिली वहां कार्रवाई की गई। मानकों पर खरा न उतरने वाले सेंटरों को बंद किया जा रहा है।

युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के नाम पर हुई लूट को लेकर समाज कल्याण विभाग और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगाने में जुट गए हैं। प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज कुमार कौशल विकास मिशन पर गड़बड़ियों का आरोप लगा रहे हैं, साथ ही 40 करोड़ के बजट पर रोक लगाने की बात कही है।

वहीं राजेश कुमार निदेशक उप्र कौशल मिशन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर रहें हैं। समाज कल्याण विभाग की ओर से 32 जिलों में सैंपल सर्वे करवाया गया था। उनकी रिपोर्ट में कहीं भी प्रशिक्षण न मिलने की बात नहीं कही गई है। प्रमाण पत्र न मिलना और पैसे लेने की सत्यतता जांची जाएगी। ड्रेस न देने वाली संस्थाओं का पैसा रोक लिया गया था।

एससी-एसटी प्रशिक्षार्थियों तक पहुंचा मामला

प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने बताया कि कौशल मिशन को 40 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए दिया गया था। बीते सालों में इसमें से कितने युवाओं को प्रशिक्षित किया गया, इसकी कोई भी जानकारी कौशल विकास मिशन की ओर से नहीं दी गई है। इसलिए इस बार 40 करोड़ रुपये के बजट मंजूरी पर रोक लगा दी गई है। बिना जांच के बजट जारी नहीं होगा। इस वर्ग के युवाओं की ट्रेनिंग से लेकर प्लेसमेंट तक की जांच होगी।

वेबसाइट पर भी गड़बड़ी

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की वेबसाइट www.upsdm.gov.in पर ट्रेनिंग सेंटर की लिस्ट में बीकेटी स्थित प्रथम हॉस्पिटैलिटी ट्रेनिंग सेंटर का नाम दर्ज है यहां ट्रेनिंग सेंटर के व्यक्ति वाले कॉलम में जिया उर्रमान का नाम और मोबाइल नंबर दिखाया गया है। एनबीटी ने शुक्रवार को संबंधित नंबर पर संपर्क किया तो जिया उर्रमान ने बताया कि उनका गलती से नाम दर्ज हो गया है। वो कहीं और काम करते हैं।

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