देहरादून : मार्च 2020 तक प्रदेश के 73 हजार से ज्यादा युवाओं के हाथ में रोजगार होगा। मारूति, सैमसंग और टाटा जैसी बड़ी कंपनियों, कौशल विकास व स्टार्ट अप की मदद से नए चिह्नित क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की योजना पर राज्य सरकार ने काम तेज कर दिया है। कौशल विकास योजना के बूते स्टार्ट अप शुरू करने वाले युवाओं को पुरस्कृत किया जाएगा। स्वरोजगार और नए स्टार्ट अप के लिए 30 फीसद अनुदान देने पर विचार किया जा रहा है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में स्टार्ट अप और रोजगारपरक कोर्स और ट्रेनिंग सेंटर शुरू करने वालों को सरकार इन्सेंटिव देगी।
प्रदेश सरकार इस वर्ष को रोजगार वर्ष घोषित कर चुकी है। सरकार की योजना करीब एक लाख युवाओं को रोजगार देने की है। इस कड़ी में सरकारी महकमों को रिक्त पदों की भर्ती तेज करने को कहा जा चुका है। चाहे अदालतों में चल रहे मामले हों या आरक्षण या पदोन्नति के पेच, सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती में तमाम कारणों से दिक्कतें भी पेश आ रही हैं। इन्हें दूर करने की हिदायत कार्मिक समेत अन्य महकमों को दी गई है। सरकार का विशेष जोर कौशल विकास और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने पर है। कौशल विकास की तीन अलग-अलग योजनाओं में मार्च 2020 तक क्रमश: 32 हजार, 16 हजार और 25 हजार लोगों को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस लक्ष्य को समयबद्ध हासिल करने के निर्देश नियोजन विभाग को दिए हैं। स्थानीय जरूरतों और बाजार की मांग के मद्देनजर रोजगार के लिए नए प्रशिक्षण ट्रेड निर्धारित करने को कहा गया है।
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सरकार की पहल पर बड़ी औद्योगिक कंपनियां भी युवाओं को नई तकनीक की जानकारी देने में मदद कर रही हैं। ये कंपनियां उद्योगों में रोजगार के लिए प्रशिक्षण दे रही हैं, साथ में रोजगारपरक नए क्षेत्रों आयुष, टूरिज्म एवं हॉस्पिटेलिटी, ट्रैकिंग, मीटरिंग और मशीनिंग में भी प्रशिक्षण में मदद दे रही हैं। राज्य सरकार ने रोजगार और स्वरोजगार के लिहाज से कई नई क्षेत्र चिह्नित किए हैं।
नियोजन सचिव अमित नेगी ने बताया कि चिह्नीत नए क्षेत्रों पर तेजी से काम किया जा रहा है। विभागों को प्राथमिक सेक्टर का चयन कर रोजगार और कौशल विकास के लिए रिफ्रेशर कोर्स तैयार करने को कहा गया है। सैनिक कल्याण विभाग के साथ तालमेल कर विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित और अनुभवी पूर्व सैनिकों की सेवाएं बतौर प्रशिक्षक ली जाएंगी। मुद्रा लोन के लाभार्थियों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। पीएमकेएसवाइ योजना में 62 ट्रेडों में सितंबर माह तक 6381 युवाओं को प्रशिक्षण के बाद रोजगार हासिल हो चुका है।
प्रदेश में “टूरिज़्म एंड हॉस्पिटेलिटी, मैन्युफैक्चरिंग, मीडिया इंटरटेनमेंट, फूड प्रोसेसिंग, एग्रीकल्चर, ऑर्गेनिक फार्मिंग व आयुष” इन क्षेत्रों में कौशल विकास प्रशिक्षण और खुलेंगे नए स्टार्ट अप । जबकि शार्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्स में होंगे होम स्टे, फिल्म डॉक्यूमेंटेशन, टूरिस्ट गाइड ट्रेकिंग, ब्यूटी एंड वेलनेस एवं सुरक्षा गार्ड
उत्तराखंड को स्टार्टअप हब बनाने की तैयारी शुरू
उत्तराखंड को स्टार्टअप हब बनाने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए भारत सरकार की संस्था सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पाक्र्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआइ) व उत्तराखंड की इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडीए) के बीच एमओयू किया गया।
एमओयू पर एसटीपीआइ के नोएडा केंद्र के निदेशक रजनीश अग्रवाल व आइटीडीए के निदेशक अमित सिन्हा ने आइटी सचिव आरके सुधांशु की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि स्टार्टअप हब का इंक्यूबेशन सेंटर आइटी पार्क में स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तराखंड भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र व स्टार्टअप इंडिया का हिस्सा बन जाएगा। इससे राज्य में करीब 1200 रोजगार के नए साधन विकसित होंगे, जबकि तीन साल के भीतर 100 स्वरोजगार केंद्र भी स्थापित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि आइटीडीए ड्रोन टेक्नोलॉजी को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए भी काम कर रहा है। निकट भविष्य में प्रदेश में आइटी से संबंधित आवश्यक दक्षताओं का विकास हो पाएगा।
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