उत्तराखंड : ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) कौशल विकास का हब (धुरी) बनेगा। इसके अंतर्गत यह संस्था जिलों में होने वाली सभी कौशल विकास से संबंधित योजनाओं का संचालन व निगरानी करेगी। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (ग्रामीण विकास डिवीजन) ने 30 जनवरी को इस आशय का पत्र जारी किया है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता व कौशल विकास के लिए 2009 में आरसेटी की स्थापना की थी।
भारत सरकार के अवर सचिव संजय कुमार के हस्ताक्षरों से जारी पत्र में कहा गया है कि देशभर के जिलों में संचालित होने वाले कौशल विकास से संबंधित केेंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली तमाम गतिविधियों के संचालन के लिए अब आरसेटी नोडल एजेंसी होगी। इसके लिए ग्राम्य विकास विभाग के एक जिला स्तरीय अधिकारी की नोडल अधिकारी के रूप में तैनाती की जाएगी। अब तक आजीविका सहित कौशल विकास के विभिन्न कार्यक्रम अलग-अलग संस्थाएं संचालित करती है।
भारतीय स्टेट बैंक आरसेटी के चंपावत जिले के निदेशक जनार्दन चिलकोटी का कहना है कि आरसेटी 6 दिनों से 45 दिन तक के रोजगारपरक प्रशिक्षण के जरिए युवाओं को हुनरमंद बनाती है। कुल प्रशिक्षित लोगों में से 70 प्रतिशत को स्वरोजगार देने का दायित्व आरसेटी का है।
103 शिविर में प्रशिक्षित हुए 2668 युवा
आरसेटी कंप्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग, सिलाई टेलरिंग के अलावा कृषि फार्मिंग, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, बकरी पालन, मौनपालन आदि का प्रशिक्षण दे रहा है। 2011 से शुरू हुए चंपावत जिले का यह संस्थान अब तक 103 प्रशिक्षण शिविर के जरिए 2668 युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दे चुका है। कुल प्रशिक्षित लोगों में से 1778 (67 प्रतिशत) को स्वरोजगार दिया जा चुका है। इन स्वरोजगार कर रहे लोगों में से 820 को विभिन्न बैंकों ने वित्तीय मदद की है।
अगले महीने से शुरू होगा भवन निर्माण
चंपावत में 2011 से शुरू हुए आरसेटी के पास फिलहाल अपना भवन नहीं है। इस वक्त यह प्रशिक्षण संस्थान किराये के भवन में चल रहा है। मगर अगले दो साल के भीतर इसका अपना भवन तैयार हो जाएगा। एसबीआई आरसेटी निदेशक जनार्दन चिलकोटी ने बताया कि चंपावत के जूप में संस्थान के लिए दस नाली जमीन चयनित किए जाने के बाद निविदा प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा चुका है। 2.50 करोड़ रुपये से निर्मित होने वाले इस इमारत के लिए एक करोड़ रुपये ग्रामीण विकास विभाग और शेष 1.50 करोड़ रुपये बैंक खर्च करेगा। प्रशासनिक भवन, प्रशिक्षण भवन, 32 बेड का बालक व 24 बेड का बालिकाओं का आवास आदि बनेगा।
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