उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन की पहल, जेल , नारी निकेतन तथा बाल सुधार गृहों में सिखाया जाएगा रोजगार का हुनर

देहरादून : उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन द्वारा एक पहल की गई है, जिसमें जिला कारागार देहरादून में कैदियों हेतु विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम जेल में शुरू किया गया है ताकि जेल से बाहर आने पर कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके और वे अपना रोजगार कर सकें। देहरादून के बाद हरिद्वार, हल्द्वानी एवं सितारगंज कारागार में भी यह योजना प्रारम्भ की जाएगी।

इसी तरह नारी निकेतन तथा बाल सुधार गृहों में भी यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। यह जानकारी देते हुए मिशन के निदेशक डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि नारी निकेतन देहरादून में किशोरियों के लिए एक व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, ब्यूटी एण्ड वेलनेस कार्यक्रम को प्रारम्भ किया गया है ताकि जेल की भांति ही व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रदेश के विभिन्न नारी निकेतनों एवं बाल सुधार केन्द्रों में प्रारम्भ किये जा सके। कारागार एवं नारी निकेतन/बाल सुधार केन्द्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किये जाने के संबंध में युद्धस्तर पर मिशन द्वारा कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन के इन प्रयासों से जेल में बंद कैदियों को एक नई दिशा मिलेगी। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से वे समाज में नई उमंग और जोश के साथ अपने जीवन की नई शुरूआत कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्ण करने के उपरांत प्रशिक्षित कैदियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। यह सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलेपमेंट एण्ड एन्टरप्रेनरशिप के अन्तर्गत संचालित विभिन्न सेक्टर स्किल कॉउन्सिल से मान्यता प्राप्त हैं। उसकी मान्यता सम्पूर्ण भारत वर्ष में होगी, इससे यह प्रशिक्षित कैदी सजा पूर्ण करने के उपरांत भारत में कहीं भी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं अथवा स्वयं का रोजगार भी प्रारम्भ कर सकते हैं।

इस प्रमाण पत्र के माध्यम से स्वयं का रोजगार करने में इन्हें बैंकों आदि संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने में सुगमता होगी। श्री पाण्डेय ने बताया कि मिशन द्वारा जो पहल की गयी है वह कैदियों के लिए मील का पत्थर सबित होगी। उन्होने बताया है कि वर्तमान में देहरादून कारागार में लगभग 1200 पुरु ष कैदी एवं 65 महिला कैदी हैं, जिनमें से लगभग 350 कैदियों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनमें ब्यूटी एण्ड वेलनेस सेक्टर, एग्रीकल्चर सेक्टर, फूड प्रोडेक्सन सेक्टर, कारपेंटर सेक्टर, गारमेंट मेकिंग सेक्टर तथा फुटवेयर मेकिंग सेक्टर शामिल है।

उत्तराखंड कौशल विकास मिशन का उद्देश्य इसी प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम जनपद हरिद्वार, हल्द्वानी एवं सितारगंज कारागार में भी शीघ्र प्रारम्भ करने की योजना है, जिससे इन कारागारों में लगभग 500 कैदियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।

देहरादून जेल में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 अक्टूबर, 2016 को शुरू किया गया था। विभिन्न सेक्टरों में तीन से छह माह के विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कराये जाते हैं, ताकि प्रशिक्षण के उपरांत उत्तराखण्ड के बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार/स्वरोजगार प्रदान कराया जा सके।

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