लखीमपुर : छह महीने में 30 हजार लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य और उन्हें पढ़ाने के लिए तकरीबन दो हजार शिक्षा प्रेरकों की लंबी-चौड़ी फौज, लेकिन इस सारी कसरत की हकीकत तब सामने आ गई, जब रविवार को जिले भर में भारत साक्षरता परीक्षा हुई। जिले के 995 लोक सेवा केंद्रों पर रविवार को ये परीक्षा आधी-अधूरी तैयारियों के साथ हुई। परीक्षा के नाम पर सिर्फ खाना पूरी की गई है। जब परीक्षार्थियों की कॉपियों स्कूली बच्चों और शिक्षकों द्वारा लिखे जाने के ²श्य दिखे तो यह बात सामने आ गई कि प्रेरकों ने गांव के निरक्षर लोगों को पढ़ाने की कोशिश ही नहीं की। हालत ये तक रही कि अधिकांश केंद्रों पर लक्ष्य के अनुरूप परीक्षार्थी नहीं पहुंचे। परीक्षार्थियों को कॉपी के अलावा अन्य कोई सामग्री वितरित नहीं की गई।
खीरी टाउन संवादसूत्र के अनुसार एक केंद्र पर परीक्षार्थी लीला देवी, जुबेदा, ज्योति, उमाशंकर, भगौती व अनूप कुमार की कॉपिया मिलीं, लेकिन परीक्षार्थी नदारद थे। बताया गया की वे परीक्षा देकर जा चुके हैं। इसी प्रकार गरगाटिया, गोपालापुर, फत्तेप र केंद्र पर भी सिर्फ कॉपिया मिलीं। पनगी कला, रंगीलानगर, कीरतपुर, पनगी खुर्द का भी यही हाल रहा।
संपूर्णानगर क्षेत्र के विचित्रनगर में अध्यापक तो मौजूद रहे, लेकिन साक्षरता परीक्षा देने के लिए कोई महिला पुरुष नहीं दिखा। विद्यालय में मौजूद अध्यापक सूरज प्रसाद ने बताया कि साक्षरता परीक्षा में तीस लोगों को परिक्षा देनी है, जो एक एक करके आ रहे हैं और परीक्षा देकर चले जा रहे हैं।
ओयल कस्बे के लोक शिक्षा केंद्र में सिर्फ दो परीक्षार्थी नसरीन व साबरुननिशा थीं, जिन्हें अपना नाम तक लिखना नहीं आता था। यहीं हाल लोनपुरवा, पहाड़खांपुरवा, साड़ीनामा, बरतेर, मड़राही, पन्यौरा, बनिका आदि केंद्रों का भी था।
पलियाकलां में रविवार को ब्लॉक क्षेत्र के 60 लोक शिक्षा केंद्रों पर साक्षरता परीक्षा का आयोजन किया गया। पलिया केंद्र में परीक्षा दे रही विमला से उसका नाम लिखने को कहा गया तो बड़ी मुश्किलों क बाद उसने नाम लिखा। इसके बाद जब पता और पति का नाम आदि लिखने को कहा, तो वह नहीं लिख सकी। राधारानी केवल अपना नाम लिख सकी, पता लिखने में उन्हें परेशानी हुई।
गोलागोकर्णनाथ में तहसील क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में बने लोक शिक्षा केंद्रो पर रविवार को राष्ट्रीय साक्षरता परीक्षा का आयोजन किया गया। तहसील क्षेत्र के ब्लॉक बांकेगंज में सांसद द्वारा गोद ली गई ग्राम पंचायत पुनर्भूग्रंट में बने उच्च प्राथमिक विद्यालय को परीक्षा का केंद्र बनाया गया था, जहां पर 729 महिला-पुरुषों की परीक्षा होनी थी, जिसमें से 392 लोग परीक्षा देने के लिए आए। प्रौढों की परीक्षा के दौरान कॉपियां खुद वालटियर शिक्षकों व स्कूली बच्चों को लिखनी पड़ी
जन शिक्षण संस्थान के निदेशक ने कई केंद्रों का लिया जायजा
जन शिक्षण संस्थान के निदेशक एके हसन ने अपनी टीम के साथ कई केंद्रों का जायजा लिया। पुनर्भूग्रंट के परीक्षा केंद्र परीक्षार्थी सदाप्यारी पत्नी श्याम बिहारी, सुमित्रा देवी पत्नी रामशरण, रामलक्ष्मी पत्नी श्रीकृष्ण निवासी ग्राम भवानीगंज ने बताया कि परीक्षा के लिए यहां पर किसी प्रौढ़ को भी पेन, पेंसिल, रबड़ इत्यादि शिक्षण सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई। निदेशक ने बताया कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद इन प्रौढ़ों को जन शिक्षण संस्थान द्वारा विभिन्न ट्रेड कोर्साें में कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाना है, ताकि ये दक्ष होकर स्वावलंबी बन सकें।
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