रांची: सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना (skill development scheme) की सारी गतिविधियां अब उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग संचालित करेगा | दो हजार करोड़ के इस मिशन की शुरुआत 2014-15 में की गयी थी | इसमें अगले चार वर्षों में 500-500 करोड़ रुपये खर्च करने की रणनीति बनायी गयी है | पहले कौशल विकास मिशन कार्यक्रम योजना विभाग के पास था | 29 दिसम्बर 2009 में मानव संसाधन विभाग की तरफ से राज्य कौशल विकास मिशन (state skill development mission) का गठन किया गया था | 5 नवम्बर 2012 को इसे योजना विकास विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया |
29 मई 2015 को कैबिनेट की बैठक में झारखंड सरकार ने श्रम नियोजन विभाग का नाम बदल कर उसे श्रम नियोजन, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग कर दिया | अब सरकार अपने फैसले को बदल रही है | सरकार की तरफ से जल्द ही इस सिलसिले में औपचारिकताएं पूरी कर अधिसूचना जारी की जायेगी | राज्य सरकार की तरफ से इसके लिए झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन सोसाइटी (skill development mission society) बनायी गयी है, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री, उपाध्यक्ष मुख्य सचिव और सदस्य विभाग के सचिव हैं | वहीं सोसाइटी के निदेशक सह मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी श्रमायुक्त बनाये गये हैं | अब सोसाइटी के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव को रिपोर्ट करेंगे | अब तक श्रम विभाग के सचिव को रिपोर्टिंग करनी पड़ती थी |
2015-16 में मिशन के तहत पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत चार हजार बेरोजगार युवक-युवतियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया था | यह सभी जिलों में चलाया जाना था | अब तक यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा नहीं हुआ है | इसके लिए 22 से अधिक कंपनियों, स्वयंसेवी संस्थानों का चयन किया गया था | इसका दूसरा चरण इस वर्ष पूरा किया जाना था, जिसमें 25 हजार युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया जाना था | अब तक इसके लिए मंगाये गये आवेदनों पर अंतिम रूप से कोई विचार नहीं किया गया है | विभाग के सचिव के बदले जाने से भी योजना को अमली-जामा नहीं पहनाया जा सका है |
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